पहलगाम के आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध और फिर अचानक हुए युद्ध विराम को लेकर एक युवक का पीएम मोदी पर अशोभनीय टिप्पणी करना उसे भारी पड़ गया। हाईकोर्ट इलाहाबाद के न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार-एक्स की खंडपीठ की अदालत
ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सोशल मीडिया पर अशोभनीय टिप्पणी करने वाले आजमगढ़ निवासी अजीत यादव की गिरफ्तारी पर रोक लगाने व एफआईआर रद्द करने सम्बंधित याचिका को खारिज करते हुए कहा की ‘पीएम जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ अशोभनीय और अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल की इजाजत केवल इसलिए नहीं दी जा सकती कि किसी व्यक्ति की भावनाएं भड़की हुई थीं। किसी भी व्यक्ति की भावनाओं की शर्त पर सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा से समझौता नहीं किया जा सकता।’
पूरा मामला आजमगढ़ जनपद के जहानागंज थाना क्षेत्र का है। भारत पाक युद्ध के बाद 10 मई, 2025 को हुए युद्ध विराम समझौते पर याची ने अपने सोशल मीडिया हैण्डल पर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना में अपनी पोस्ट में कई अशोभनीय टिप्पणियां कीं थीं। पोस्ट वायरल होने के बाद इस मामले की एफआईआर जहानगंज थाने में तैनात उपनिरीक्षक लाल बहादुर मौर्य ने दर्ज कराई थी, जिसके खिलाफ याची ने एफआईआर रद्द करवाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।