सोशल वर्कर्स यानी समाजसेवियों की बात करें तो आपने अपने आस पास बहुत सारे समाजसेवियों को देखा होगा, जो किसी न किसी समाजसेवी संस्था (NGO) के जरिये समाज के अलग-अलग क्षेत्रों में जरूरतमंदों की मदद करते रहते हैं, लेकिन इन सबके बीच में कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो सामान्य व्यक्ति की उम्मीद से कहीं ज्यादा आगे बढ़कर काम करते हैं। ऐसे तमाम लोगों की लिस्ट में एक नाम है कानपुर शहर की चरनजीत कौर का।
लावारिस मरीजों की माँ बन जाती हैं:
चरनजीत कौर को केवल समाज सेविका कहना बेहतर नहीं होगा क्यों कि ये समाजसेवियों से थोड़ा सा और आगे हैं..आगे इसलिए हैं क्योंकि किसी की मदद करने के लिए ये किसी NGO या अन्य किसी तरह के सहयोग का इंतजार नहीं करतीं बल्कि खुद से जितना कर सकती हैं उससे भी ज्यादा करने के प्रयास में रहती हैं..और चरनजीत के सामाजिक प्रयास में साथ देते हैं उनके पति तरनजीत सिंह और उनके दोनों बच्चे..
चरनजीत कौर की फैमिली का हर एक सदस्य सेवा भाव से भरा है..चरनजीत कौर के पति तरनजीत सिंह एक मोबाइल शॉप चलाते हैं और हर रात अपनी शॉप बन्द करने के बाद वो हैलट और उर्सला हॉस्पिटल के लावारिस वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलने जाते हैं।
अगर कहीं से किसी लावारिस घायल की सूचना आ जाये तो सारा काम धाम छोड़ कर वो उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाने में जुटने के साथ ही उसके परिवार को खोजने में लग जाते हैं।
हॉस्पिटल के लावारिस वार्ड में भर्ती मरीजों की देखभाल के दौरान जब भी कोई मरीज तरनजीत सिंह से कुछ खाने की डिमांड कर देता है तो उसकी वो डिमांड तरनजीत घर आकर चरनजीत कौर को बताते हैं और आपको ताज्जुब होगा कि अगली रात उस मरीज के पास उसका मन पसंद खाना पहुंच जाता है चरनजीत के अपने किचन से..जिसे बच्चे ‘मम्मी दा ढाबा’ के नाम से पुकारते हैं।

चरनजीत कौर के घर में दो दुश्मन रहते हैं एक साथ:
वर्तमान सामाजिक परिद्रश्य में जहां लोग अपनों को दरकिनार करते जा रहे हैं वहां चरनजीत कौर का अपरिचित और लावारिस मरीजों के लिए हर रात उनकी पसंद का खाना तैयार करना फिर उसे अपने पति के जरिये हॉस्पिटल भिजवाना और फिर अगली रात किसी दूसरे लावारिस मरीज की डिमांड पर उसकी पसंद का खाना तैयार करना सचमुच काबिलेतारीफ है।
इसके अलावा इनके घर के आस पास के स्ट्रीट डॉग्स हों या सड़कों पर टहलते लावारिस गौवंश..उन्हें हर रात खाना खिलाना , घायल होने पर उनका इलाज करवाना इस पूरे परिवार की रोजमर्रा की आदत में शुमार है। कई स्ट्रीट डॉग्स और बिल्लियों ने तो इनके घर को अपना घर बना रखा है।
चरनजीत कौर और उनके पति तरनजीत सिंह रेगुलर ब्लड डोनर हैं और उनके साथ ही उनका बेटा व बेटी भी अपने मम्मी पापा की तरह ही रेगुलर रक्तदाता हैं और अपने माँ-पिता की तरह ही जरुरतमंदों की मदद को हर वक्त तैयार रहते हैं।