प्रयागराज: धर्म नगरी प्रयागराज में सिविल लाइंस स्थित महात्मा गांधी मार्ग में खुली शराब की कम्पोजिट शॉप को वहां से हटाने या फिर दुकान को किसी दूसरीं जगह स्थानांतरित करने की मांग वाली जनहित याचिका वापस लिए जाने के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी और न्यायमूर्ति मदन पाल सिंह की खंडपीठ ने खारिज कर दी।
कम्पोजिट शराब की दुकान के खिलाफ पंकज जायसवाल सहित तीन अन्य लोगों की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने व्यक्तिगत हित के संदर्भ में पूछताछ प्रारंभ की तो याचिकाकर्ताओं द्वारा याचिका वापस लेने की प्रार्थना की गई।
इस पर कोर्ट ने इस मुद्दे पर नए सिरे से याचिका दाखिल करने की छूट देते हुए वापस लेने के आधार पर याचिका खारिज कर दी।
याचिका में कहा गया था कि महात्मा गांधी मार्ग स्थित शराब की कंपोजिट शॉप का स्थान नियमावली 1968 का उल्लंघन करता है। यह नियम सार्वजनिक पूजा स्थल, स्कूल, अस्पताल या आवासीय कॉलोनी के 50 मीटर के भीतर शराब की दुकान की स्थापना को प्रतिबंधित करता है। याचिका में यह भी कहा गया है कि बिशप जॉनसन स्कूल एंड कॉलेज, न्यायविद हनुमान मंदिर, और इलाहाबाद हाईकोर्ट शराब की दुकान के करीब स्थित हैं।
याचिकाकर्ताओं ने दुकान के कारण सार्वजनिक उपद्रव और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर भी चिंता जताई थी। आरोप लगाया था कि लोग इस कंपोजिट शॉप के आसपास शराब का सेवन करते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है और राहगीरों, खासकर बच्चों व महिलाओं के लिए परेशानी होती है। इसके अतिरिक्त कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने शराब की दुकान को मंदिर, मस्जिद और शैक्षणिक संस्थान से 150 मीटर के भीतर नहीं खोने का निर्णय दिया है।
एमजी मार्ग की इस कंपोजिट शॉप के मामले में इसका पालन नहीं किया गया।याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में अधिकारियों और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की है। इसके अलावा प्रयागराज विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी ने भूमि मालिक को शराब की दुकान पर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने का नोटिस भी जारी किया गया था।